फोन की बैटरी जल्दी खत्म होने से बचाने के 10 आसान Tricks | Phone ki Battery Save Karne ke Aasan Tarike
आज के समय में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हम हर काम के लिए फोन का इस्तेमाल करते हैं – चाहे वो सोशल मीडिया हो, ऑनलाइन क्लास, ऑफिस का काम, गेम्स खेलना या फिर वीडियो देखना। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी समस्या अक्सर हर किसी को परेशान करती है – फोन की बैटरी का जल्दी खत्म होना।
आपने भी नोटिस किया होगा कि सुबह जब हम 100% बैटरी के साथ दिन शुरू करते हैं तो शाम तक फोन बार-बार चार्ज पर लगाना पड़ता है। कभी brightness ज्यादा होने की वजह से, तो कभी background apps या 5G इंटरनेट ऑन रहने की वजह से बैटरी बहुत तेज़ी से drain होती है। कई बार तो ऐसा लगता है कि फोन हमारी जरूरत से पहले ही ‘लो बैटरी’ का अलार्म बजा देता है।
अगर आप भी सोच रहे हैं कि How to Save Phone Battery Easily, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। यहाँ हम ऐसे 10 आसान और practically काम आने वाले तरीके बताएंगे जिनसे आप न केवल बैटरी को लंबे समय तक चला पाएंगे, बल्कि फोन की battery health भी बेहतर रख पाएंगे।
फोन की बैटरी जल्दी खत्म क्यों होती है? | Why Phone Battery Drains Fast
आज के दौर में स्मार्टफोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ गया है। लेकिन जैसे-जैसे फोन के फीचर्स एडवांस हो रहे हैं, वैसे-वैसे बैटरी से जुड़ी परेशानियाँ भी आम होती जा रही हैं। आइए जानते हैं कि आखिर किन वजहों से फोन की बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है।
सबसे बड़ा कारण है स्क्रीन की brightness। अगर brightness हमेशा high पर रहती है तो बैटरी तेजी से drain होती है। इसके अलावा background apps भी बिना आपकी जानकारी के इंटरनेट और बैटरी दोनों consume करते रहते हैं।
लोकेशन (GPS), WiFi और Bluetooth को लगातार ऑन रखना भी बैटरी पर अतिरिक्त दबाव डालता है। साथ ही, 5G और mobile data का लगातार इस्तेमाल बैटरी को normal से ज्यादा consume करता है।
एक और बड़ी वजह है पुरानी बैटरी health। समय के साथ बैटरी की क्षमता (capacity) कम हो जाती है और चार्ज जल्दी खत्म होने लगता है।
फोन की बैटरी जल्दी खत्म होने से बचाने के 10 आसान तरीके नीचे दिए गए हैं।
तरीका 1: स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें
स्मार्टफोन की बैटरी सबसे ज्यादा स्क्रीन पर खर्च होती है। चाहे आप सोशल मीडिया चला रहे हों, वीडियो देख रहे हों या सिर्फ चैट कर रहे हों – स्क्रीन ही बैटरी की सबसे बड़ी खपत करने वाली चीज़ है। यही वजह है कि अगर आप सच में बैटरी बचाना चाहते हैं तो सबसे पहले स्क्रीन की ब्राइटनेस (Brightness) को कंट्रोल करना जरूरी है।
•ज्यादा ब्राइटनेस क्यों नुकसानदायक है?
जब आप स्क्रीन की ब्राइटनेस को पूरा बढ़ा देते हैं, तो डिस्प्ले लगातार ज्यादा पावर खींचता है। खासकर AMOLED और LCD डिस्प्ले वाले फोन में ब्राइटनेस का सीधा असर बैटरी पर पड़ता है। लगातार हाई ब्राइटनेस रखने से न सिर्फ बैटरी जल्दी खत्म होती है बल्कि फोन गर्म भी हो जाता है।
•Auto-Brightness का सही इस्तेमाल
अधिकतर लोग या तो ब्राइटनेस को हमेशा हाई रखते हैं या हमेशा लो। लेकिन सबसे अच्छा तरीका है Auto-Brightness फीचर का इस्तेमाल करना। इसमें फोन का सेंसर आपके आस-पास की रोशनी को पहचानकर ब्राइटनेस को अपने आप एडजस्ट कर देता है। उदाहरण के लिए, धूप में ब्राइटनेस अपने आप बढ़ जाएगी और रात में कम हो जाएगी। इससे बैटरी की खपत काफी हद तक कम हो जाती है।
•Dark Mode और Battery Saver
अगर आपके फोन में Dark Mode है, तो उसका इस्तेमाल जरूर करें। खासतौर पर AMOLED स्क्रीन में Dark Mode बैटरी की खपत को काफी हद तक घटा देता है क्योंकि काले पिक्सल को लाइट अप करने की जरूरत ही नहीं होती। इसके अलावा, जरूरत पड़ने पर Battery Saver Mode ऑन करने से भी बैकग्राउंड में चल रही प्रक्रियाओं और स्क्रीन की ब्राइटनेस दोनों कंट्रोल हो जाते हैं।
मैंने खुद नोटिस किया कि जब मैं ब्राइटनेस को हमेशा 80–90% पर रखता था तो बैटरी आधे दिन में ही खत्म हो जाती थी। लेकिन Auto-Brightness और Dark Mode का इस्तेमाल करने के बाद फोन की बैटरी लगभग 30–40% ज्यादा चलने लगी।
तरीका 2: बैकग्राउंड ऐप्स को कंट्रोल करें
फोन की बैटरी जल्दी खत्म होने का सबसे बड़ा कारण सिर्फ स्क्रीन नहीं है, बल्कि वे ऐप्स भी हैं जिन्हें हम यूज़ तो करते हैं लेकिन बंद करने के बाद भी वे बैकग्राउंड में चलते रहते हैं। इन्हें कहते हैं Background Apps।
•बैकग्राउंड ऐप्स कैसे बैटरी खत्म करते हैं?
जब आप Facebook, Instagram, Twitter (X) जैसी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें बंद करने के बाद भी ये ऐप्स बैकग्राउंड में अपडेट लेती रहती हैं।
WhatsApp, Telegram जैसी मैसेजिंग ऐप्स हर पल इंटरनेट से जुड़ी रहती हैं, ताकि मैसेज तुरंत डिलीवर हो सके।
Shopping और News ऐप्स बार-बार नोटिफिकेशन भेजने के लिए बैटरी और डेटा दोनों का इस्तेमाल करती हैं। इस तरह, चाहे आप फोन यूज़ करें या न करें, बैकग्राउंड ऐप्स लगातार बैटरी खा रही होती हैं।
•बैकग्राउंड ऐप्स को कंट्रोल कैसे करें?
Step 1: Battery Optimization का इस्तेमाल करें
Step 2 : सेटिंग्स में जाकर “Battery” या “Apps Management” खोलें।
Step 3 : यहां आपको "Optimize Apps" या "Restrict Background Activity" का विकल्प मिलेगा।
Step 4 : जिन ऐप्स का आप कम इस्तेमाल करते हैं, उन्हें restrict कर दें।
•Unnecessary Apps Uninstall करें
कई बार हम जरूरत से ज्यादा ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं। जिन ऐप्स का इस्तेमाल हफ्तों या महीनों से नहीं किया, उन्हें फोन से हटा दें।
•Data Saver Mode On करें
इससे बैकग्राउंड ऐप्स बार-बार इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी।
नतीजा, बैटरी भी बचेगी और आपका इंटरनेट डेटा भी।
मेरे एक दोस्त ने शिकायत की कि उनका फोन नया होने के बावजूद बैटरी बहुत जल्दी खत्म हो जाती है। जब चेक किया गया तो पता चला कि बैकग्राउंड में लगभग 30 ऐप्स चल रही थीं। सिर्फ 10–12 ऐप्स को restrict करने और 5–6 बेकार ऐप्स uninstall करने के बाद बैटरी लाइफ लगभग 40% बढ़ गई।
तरीका 3: लोकेशन और GPS का सही इस्तेमाल करें
आजकल लगभग हर स्मार्टफोन यूज़र GPS और लोकेशन सर्विस का इस्तेमाल करता है। Google Maps पर रास्ता ढूंढना हो, Zomato या Swiggy से खाना ऑर्डर करना हो, या Ola/Uber जैसी कैब बुक करनी हो – हर जगह लोकेशन सर्विस जरूरी है। लेकिन समस्या यह है कि ज्यादातर लोग इसे जरूरत न होने पर भी हमेशा चालू (ON) रखते हैं। यही बैटरी की सबसे बड़ी खपत करने वाली चीजों में से एक है।
•लोकेशन बैटरी क्यों खाती है?
जब लोकेशन या GPS हमेशा ऑन रहता है, तो फोन लगातार Satellite, Wi-Fi और Mobile Network से सिग्नल लेकर आपकी पोज़िशन ट्रैक करता रहता है। यह प्रोसेस लगातार चलता है, चाहे आप Maps यूज़ कर रहे हों या नहीं। इसी वजह से बैटरी तेजी से खत्म होती है।
•लोकेशन का सही इस्तेमाल कैसे करें?
जरूरत पड़ने पर ही ON करें अगर आप Maps या Delivery App का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो GPS को OFF रखें। इसे आप Control Center या Settings से आसानी से बंद किया जा सकता है।
•App-Wise Permission सेट करें
Settings → Location → App Permissions में जाकर देखें कि कौन-सी ऐप्स लोकेशन यूज़ कर रही हैं। जिन ऐप्स को हमेशा लोकेशन की जरूरत नहीं, उनके लिए “Allow only while using the app” चुनें।
•High Accuracy Mode से बचें
Location Settings में “High Accuracy” का मतलब है कि GPS, Wi-Fi और Mobile Data – तीनों का इस्तेमाल लोकेशन ट्रैकिंग में होगा। इसे “Battery Saving Mode” या “Device Only” पर सेट करें। इससे बैटरी काफी बचती है।
मैंने खुद देखा है कि जब लोकेशन लगातार ऑन रहती है तो बैटरी 15–20% ज्यादा जल्दी खत्म होती है। लेकिन जब मैंने इसे जरूरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करना शुरू किया और बाकी समय ऑफ रखा, तो बैटरी लगभग 3–4 घंटे ज्यादा चलने लगी।
तरीका 4: बैटरी सेवर मोड और पावर मैनेजमेंट फीचर्स का इस्तेमाल करें
आज के समय में हर स्मार्टफोन में बैटरी सेवर या पावर मैनेजमेंट का विकल्प मौजूद है। यह फीचर स्मार्टफोन की बैटरी को लंबे समय तक चलाने के लिए बनाया गया है। जब आप इसे ऑन करते हैं, तो फोन अपने आप कई बैकग्राउंड प्रक्रियाओं को सीमित कर देता है।
•बैटरी सेवर मोड का असली काम
बैटरी सेवर मोड केवल स्क्रीन की रोशनी कम नहीं करता, बल्कि यह ऐप्स को बार-बार डेटा एक्सेस करने से भी रोकता है। उदाहरण के लिए, जब बैटरी सेवर मोड चालू होता है, तो सोशल मीडिया ऐप्स बार-बार बैकग्राउंड में नोटिफिकेशन नहीं भेज पाते। इस वजह से फोन कम ऊर्जा खर्च करता है।
•पावर मैनेजमेंट फीचर्स क्यों ज़रूरी हैं
आजकल कंपनियां बैटरी पर ज्यादा ध्यान देने लगी हैं।
Samsung अपने Adaptive Battery फीचर के जरिए यह समझ लेता है कि आप कौन-से ऐप्स ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और कौन-से कम। इसके बाद कम इस्तेमाल होने वाले ऐप्स को खुद ही बैकग्राउंड से हटा देता है।
Xiaomi, Realme और Vivo जैसी कंपनियां Ultra Battery Saver मोड देती हैं। इसमें फोन केवल कॉल और मैसेज जैसी ज़रूरी सेवाओं पर ही काम करता है और बाकी सब बंद हो जाता है।
OnePlus और Oppo का Smart Battery Optimization फीचर लगातार बैकग्राउंड गतिविधियों पर नज़र रखता है और अनावश्यक ऐप्स को बंद कर देता है।
•कब इस्तेमाल करें
अधिकतर लोग बैटरी सेवर मोड तभी इस्तेमाल करते हैं जब फोन की बैटरी 15%–20% तक पहुँच जाती है। लेकिन असली लाभ तब होता है जब आप इसे पहले से चालू कर लेते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको पता है कि अगली चार–पाँच घंटों तक आपको चार्जिंग नहीं मिलेगी, तो बैटरी सेवर मोड पहले ही ऑन कर लें। इससे बैटरी बहुत धीमी गति से खत्म होगी।
मेरे एक परिचित को ऑफिस के काम में दिनभर फोन का इस्तेमाल करना पड़ता था। उन्हें अक्सर दोपहर तक ही बैटरी खत्म होने की समस्या आती थी। बाद में उन्होंने बैटरी सेवर मोड को नियमित रूप से इस्तेमाल करना शुरू किया। अब उनका फोन बिना बार-बार चार्ज किए आराम से शाम तक चल जाता है। यह सिर्फ इसलिए संभव हुआ क्योंकि उन्होंने बैकग्राउंड खपत पर नियंत्रण पा लिया।
तरीका 5: स्क्रीन ब्राइटनेस और डिस्प्ले सेटिंग्स को ऑप्टिमाइज़ करें
फोन की बैटरी जल्दी खत्म होने का सबसे बड़ा कारण स्क्रीन है। रिसर्च बताती है कि स्मार्टफोन की कुल बैटरी खपत में से लगभग 40–50% केवल डिस्प्ले की वजह से होती है। यही वजह है कि अगर आप स्क्रीन ब्राइटनेस और डिस्प्ले सेटिंग्स को सही तरीके से मैनेज करें, तो बैटरी बैकअप में काफी सुधार देखा जा सकता है।
•स्क्रीन ब्राइटनेस पर नियंत्रण
ज़्यादातर लोग फोन को फुल ब्राइटनेस पर इस्तेमाल करने की आदत बना लेते हैं। यह आंखों के लिए भी हानिकारक है और बैटरी पर भी अतिरिक्त दबाव डालता है। बेहतर तरीका यह है कि ऑटो-ब्राइटनेस फीचर का इस्तेमाल करें। यह फीचर आपके आसपास की रोशनी के हिसाब से स्क्रीन की चमक को एडजस्ट करता है।
लेकिन ध्यान रहे कि कभी-कभी ऑटो-ब्राइटनेस भी जरूरत से ज्यादा ब्राइटनेस दे देता है। इसलिए बेहतर होगा कि जब भी संभव हो, ब्राइटनेस को मैन्युअली कम कर लें। खासकर घर या रात के समय, जब ज्यादा रोशनी की ज़रूरत नहीं होती, तो इसे 30–40% तक रखना बैटरी बचाने में बहुत कारगर साबित होता है।
•स्क्रीन टाइमआउट सेटिंग
कई बार लोग फोन का इस्तेमाल करने के बाद स्क्रीन को खुद-ब-खुद बंद होने के लिए 2–3 मिनट का टाइम सेट कर देते हैं। इस दौरान फोन की स्क्रीन बिना वजह जलती रहती है और बैटरी खत्म होती रहती है। इसे कम करके 15–30 सेकंड पर सेट करना समझदारी है। इससे फोन अपने आप जल्दी बंद हो जाएगा और बैटरी बच जाएगी।
•डार्क मोड और बैटरी
अगर आपके फोन में OLED या AMOLED डिस्प्ले है, तो डार्क मोड का इस्तेमाल बैटरी बचाने में बहुत असरदार साबित होता है। क्योंकिछ ऐसे डिस्प्ले में काले रंग को दिखाने के लिए बैकलाइट की जरूरत नहीं पड़ती। इससे स्क्रीन की बैटरी खपत 20–30% तक कम हो सकती है।
•रिफ्रेश रेट सेटिंग्स
आजकल के स्मार्टफोन 90Hz, 120Hz या इससे ज्यादा रिफ्रेश रेट के साथ आते हैं। हाई रिफ्रेश रेट स्क्रॉलिंग और गेमिंग को स्मूद बनाता है, लेकिन बैटरी भी तेजी से खत्म करता है। अगर आप रोज़मर्रा के काम (जैसे कॉल, मैसेज, सोशल मीडिया) कर रहे हैं तो रिफ्रेश रेट को 60Hz पर सेट कर देना समझदारी है। जब आपको गेमिंग या हाई-क्वालिटी वीडियो का मज़ा लेना हो तभी इसे बढ़ाएं।
मेरे एक दोस्त ने सिर्फ दो बदलाव किए – स्क्रीन ब्राइटनेस को 40% पर सीमित किया और स्क्रीन टाइमआउट को 15 सेकंड पर सेट कर दिया। नतीजा यह हुआ कि पहले जहां उनका फोन शाम तक डिस्चार्ज हो जाता था, अब वही फोन रात तक आराम से चलता है।
तरीका 6: बैकग्राउंड ऐप्स और नोटिफिकेशन को कंट्रोल करें
आजकल हर स्मार्टफोन यूज़र के फोन में 40–50 से भी ज्यादा ऐप्स इंस्टॉल होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कई ऐप्स आपके इस्तेमाल न करने के बावजूद बैकग्राउंड में चलते रहते हैं? ये न केवल मोबाइल डेटा खपत करते हैं, बल्कि बैटरी को भी लगातार ड्रेन करते रहते हैं।
•बैकग्राउंड ऐप्स का असर
कई सोशल मीडिया ऐप्स, ई-कॉमर्स ऐप्स और न्यूज़ ऐप्स बार-बार सर्वर से डेटा सिंक करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपके फोन में फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप इंस्टॉल है, तो ये हर सेकंड नोटिफिकेशन चेक करते रहते हैं। आपको नोटिफिकेशन मिले या न मिले, लेकिन बैटरी ज़रूर खर्च होती रहती है।
•ऐप्स की सेटिंग्स पर ध्यान दें
हर फोन की सेटिंग्स में “Battery Usage” या “Battery Optimization” का विकल्प होता है। यहां जाकर आप आसानी से देख सकते हैं कि कौन-सा ऐप सबसे ज्यादा बैटरी खा रहा है। जिन ऐप्स का इस्तेमाल आप कम करते हैं, उन्हें बैकग्राउंड में चलने से रोक दें। एंड्रॉइड फोन में "Restrict Background Activity" और iPhone में "Background App Refresh" को ऑफ करना बैटरी बचाने में काफी मददगार है।
•नोटिफिकेशन मैनेजमेंट
नोटिफिकेशन लगातार फोन को जगाते रहते हैं। स्क्रीन बार-बार ऑन होती है और बैटरी खपत होती है। सोचिए, अगर दिनभर में 100 नोटिफिकेशन आते हैं, तो आपकी स्क्रीन उतनी बार जलती-बुझती है। जरूरी ऐप्स जैसे कॉल, मैसेज या बैंकिंग ऐप्स के नोटिफिकेशन ऑन रखें, लेकिन बाकी सोशल मीडिया, शॉपिंग और गेमिंग ऐप्स के नोटिफिकेशन ऑफ कर दें। इससे न सिर्फ बैटरी बचेगी, बल्कि आपका ध्यान भी कम भटकेगा।
•ऑटो-सिंक और लोकेशन सर्विस
कई ऐप्स बार-बार डेटा सिंक करते हैं और लोकेशन एक्सेस मांगते हैं। अगर आपको इसकी जरूरत न हो तो “Auto-Sync” को मैन्युअल करें और लोकेशन सर्विस को केवल जरूरत के समय ही ऑन करें।
मेरे एक दोस्त ने बैकग्राउंड ऐप्स को क्लीन करने की बजाय ऐप सेटिंग्स में जाकर इन्हें पूरी तरह सीमित किया। नतीजा यह हुआ कि पहले जहां उनका फोन 8–9 घंटे में डिस्चार्ज हो जाता था, वहीं अब 12–14 घंटे आराम से चलता है। यानी सिर्फ बैकग्राउंड ऐप्स और नोटिफिकेशन मैनेज करके उन्होंने बैटरी लाइफ में लगभग 40% का सुधार देखा।
तरीका 7: चार्जिंग की सही आदतें अपनाएँ
अक्सर लोग सोचते हैं कि फोन को कैसे भी चार्ज कर लो, फर्क नहीं पड़ता। लेकिन हकीकत यह है कि आपकी चार्जिंग आदतें ही बैटरी की सेहत और बैकअप पर सबसे ज़्यादा असर डालती हैं। गलत तरीक़े से चार्ज करने पर बैटरी जल्दी खराब होती है और उसकी लाइफ भी कम हो जाती है।
•बार-बार 0% तक डिस्चार्ज न करें
बहुत से लोग फोन को तब तक इस्तेमाल करते हैं जब तक बैटरी पूरी तरह खत्म न हो जाए और फिर चार्ज लगाते हैं। यह तरीका सही नहीं है। लिथियम-आयन बैटरियां (जो आजकल हर स्मार्टफोन में होती हैं) बार-बार 0% तक डिस्चार्ज होने से कमजोर हो जाती हैं। बेहतर होगा कि जब बैटरी 20–25% तक आए, तभी फोन चार्ज पर लगा दें।
•100% चार्ज करके घंटों न छोड़ें
एक और गलती जो लोग अक्सर करते हैं, वह है फोन को पूरी रात चार्ज पर लगा छोड़ना। इससे बैटरी पर “हीट प्रेशर” पड़ता है और उसकी परफॉर्मेंस धीरे-धीरे गिरने लगती है। कोशिश करें कि बैटरी 80–90% तक चार्ज हो जाए तो चार्जर निकाल दें।
•ओरिजिनल चार्जर और केबल का इस्तेमाल करें
आजकल सस्ते लोकल चार्जर और केबल आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन ये बैटरी को लंबे समय में नुकसान पहुँचाते हैं। हमेशा वही चार्जर इस्तेमाल करें जो कंपनी ने आपके फोन के साथ दिया है या फिर कंपनी-अप्रूव्ड एक्सेसरीज़।
•फास्ट चार्जिंग का सही इस्तेमाल
फास्ट चार्जिंग आजकल हर फोन में आ गई है, लेकिन इसे लगातार इस्तेमाल करना बैटरी को ज्यादा गर्म करता है। अगर आपको जल्दी में फोन चार्ज करना हो तभी इसका इस्तेमाल करें, वरना सामान्य चार्जिंग मोड अपनाना बैटरी के लिए बेहतर है।
•चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल न करें
फोन चार्ज करते समय गेम खेलना, वीडियो देखना या कॉल पर बात करना बैटरी पर दोहरा दबाव डालता है – एक तरफ चार्जिंग चल रही होती है और दूसरी तरफ बैटरी खर्च हो रही होती है। इससे बैटरी जल्दी गर्म होती है और उसकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है।
मेरे एक रिश्तेदार के पास 2 साल पुराना फोन है। पहले बैटरी दिनभर भी नहीं चलती थी। लेकिन जब उन्होंने चार्जिंग की आदतें बदल दीं – जैसे फोन को 20–80% के बीच चार्ज करना, रातभर चार्ज पर न छोड़ना और चार्जिंग के समय फोन का इस्तेमाल न करना – तो धीरे-धीरे बैटरी का बैकअप काफी सुधर गया। अब वही फोन आसानी से पूरा दिन चल जाता है।
तरीका 8: डार्क मोड और सही डिस्प्ले सेटिंग्स अपनाएँ
स्मार्टफोन की बैटरी सबसे ज़्यादा खर्च होती है स्क्रीन पर। आज के समय में हम जितना भी फोन इस्तेमाल करते हैं – चाहे सोशल मीडिया हो, यूट्यूब हो या चैटिंग – सबमें स्क्रीन लगातार ऑन रहती है। ऐसे में अगर डिस्प्ले सेटिंग्स को सही तरीके से मैनेज किया जाए तो बैटरी की खपत को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
•डार्क मोड का महत्व
आजकल लगभग हर ऐप और स्मार्टफोन में डार्क मोड का ऑप्शन मौजूद है। जब आप डार्क मोड ऑन करते हैं तो स्क्रीन पर ज़्यादातर बैकग्राउंड काले रंग का हो जाता है। OLED और AMOLED डिस्प्ले वाले फोन में यह बेहद फायदेमंद है, क्योंकि काले पिक्सल्स असल में "ऑफ" हो जाते हैं और बिजली खर्च नहीं करते। इसका सीधा असर बैटरी पर पड़ता है – यानी बैकअप ज़्यादा मिलता है।
•स्क्रीन ब्राइटनेस को नियंत्रित करें
बहुत से लोग हमेशा स्क्रीन ब्राइटनेस को फुल पर रख देते हैं, जिससे बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है। बेहतर होगा कि ऑटो-ब्राइटनेस ऑन करें ताकि रोशनी अपने आप माहौल के हिसाब से एडजस्ट हो जाए। अगर आप इनडोर हैं तो 30–40% ब्राइटनेस पर्याप्त होती है, और आउटडोर में ही ज्यादा ब्राइटनेस की जरूरत पड़ती है।
•स्क्रीन टाइमआउट सेटिंग
फोन में "स्क्रीन टाइमआउट" का फीचर होता है जो यह तय करता है कि टच न करने पर स्क्रीन कितनी देर तक ऑन रहेगी। अगर आपने इसे 2–5 मिनट पर सेट किया है तो सोचिए, हर बार स्क्रीन बेवजह ऑन रहती है और बैटरी खाती है। इसे 15–30 सेकंड पर सेट करें। इससे फोन इस्तेमाल न होने पर तुरंत स्क्रीन बंद हो जाएगी और बैटरी की बचत होगी।
•लाइव वॉलपेपर और हाई रिफ्रेश रेट से बचें
कई लोग लाइव वॉलपेपर का इस्तेमाल करते हैं, जो देखने में तो खूबसूरत लगते हैं लेकिन लगातार बैटरी खर्च करते रहते हैं। इसके बजाय सिंपल और डार्क वॉलपेपर चुनें।
इसी तरह, नए फोन में 90Hz या 120Hz रिफ्रेश रेट आता है जो बैटरी पर ज्यादा दबाव डालता है। अगर आपको बैटरी बचानी है तो सेटिंग में जाकर इसे 60Hz पर कर दें। रोज़मर्रा के कामों में आपको फर्क भी महसूस नहीं होगा लेकिन बैटरी बैकअप ज़रूर बढ़ जाएगा।
मेरे एक दोस्त ने हाल ही में AMOLED डिस्प्ले वाला फोन खरीदा। शुरू में उन्हें बैटरी की खपत बहुत ज्यादा लग रही थी। जब मैंने उन्हें डार्क मोड ऑन करने, ब्राइटनेस कम रखने और स्क्रीन टाइमआउट घटाने की सलाह दी तो नतीजा यह निकला कि फोन की बैटरी लगभग 20–25% ज्यादा चलने लगी। सिर्फ डिस्प्ले सेटिंग बदलने से इतना बड़ा फर्क आना वाकई कमाल की बात है।
तरीका 9: बैकग्राउंड ऐप्स और नोटिफिकेशन मैनेज करें
स्मार्टफोन में बैटरी सबसे ज्यादा उन चीज़ों से खर्च होती है, जिनका हमें अक्सर एहसास भी नहीं होता। इनमें से सबसे बड़ा कारण है – बैकग्राउंड ऐप्स और नोटिफिकेशन। जब भी हम किसी ऐप का इस्तेमाल करते हैं और उसे बंद कर देते हैं, तो ज़रूरी नहीं कि वह ऐप पूरी तरह बंद हो चुका हो। बहुत सी ऐप्स बैकग्राउंड में चलती रहती हैं और लगातार बैटरी, इंटरनेट और RAM consume करती रहती हैं।
•बैकग्राउंड ऐप्स कैसे बैटरी खाती हैं?
सोशल मीडिया ऐप्स जैसे Facebook, Instagram, Twitter (X) बार-बार बैकग्राउंड में अपडेट लेकर आती हैं। न्यूज और शॉपिंग ऐप्स हर कुछ मिनट पर नोटिफिकेशन भेजती हैं।
मैसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp और Telegram लगातार इंटरनेट से जुड़े रहते हैं, ताकि कोई मैसेज मिस न हो। इन सभी गतिविधियों में बैटरी लगातार खर्च होती रहती है।
•बैकग्राउंड ऐप्स मैनेज करने के तरीके
फोन की सेटिंग्स में जाएँ → "Battery" या "Apps Management" → वहाँ आपको “Restrict Background Activity” या “Battery Optimization” का ऑप्शन मिलेगा। जिन ऐप्स का इस्तेमाल आप कम करते हैं, उन्हें restrict कर दें।
जिन ऐप्स की आपको बिल्कुल जरूरत नहीं है, उन्हें uninstall कर दें। अनावश्यक ऐप्स फोन और बैटरी दोनों पर बोझ डालते हैं। Data Saver Mode ऑन करें, इससे ऐप्स बार-बार इंटरनेट इस्तेमाल नहीं करेंगी और बैटरी भी बचेगी।
•नोटिफिकेशन का सही इस्तेमाल
बार-बार आने वाली नोटिफिकेशन न सिर्फ बैटरी खर्च करती हैं बल्कि आपको परेशान भी करती हैं।
"Settings → Notifications" में जाकर देखें कि किन ऐप्स से आपको नोटिफिकेशन चाहिए और किनसे नहीं। ई-कॉमर्स, न्यूज, गेम्स जैसी ऐप्स की नोटिफिकेशन बंद कर दें। सिर्फ ज़रूरी ऐप्स जैसे मैसेजिंग और ईमेल से ही नोटिफिकेशन आने दें।
मेरे एक दोस्त के फोन की बैटरी हर दिन 2 बार चार्ज करनी पड़ती थी। जब चेक किया गया तो पता चला कि बैकग्राउंड में 25 से ज्यादा ऐप्स चल रही थीं। फिर उन्होंने सिर्फ ज़रूरी ऐप्स को ही बैकग्राउंड में रहने दिया और बाकी को restrict कर दिया। नतीजा यह हुआ कि बैटरी लगभग 30–35% ज्यादा चलने लगी और फोन भी तेज हो गया।
तरीका 10: बैटरी चार्जिंग की सही आदतें अपनाएँ
स्मार्टफोन की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए सिर्फ़ पावर बैंक या चार्जर पर निर्भर रहना ही काफी नहीं है। असली फर्क पड़ता है आपकी चार्जिंग आदतों से। बहुत से लोग बिना सोचे-समझे चार्जिंग करते हैं और बाद में शिकायत करते हैं कि बैटरी जल्दी खराब हो जाती है। लेकिन अगर आप कुछ सही आदतें अपनाएँ, तो फोन की बैटरी सालों तक बिना समस्या के चल सकती है।
1. बैटरी को 100% तक चार्ज करने की ज़रूरत नहीं
अक्सर लोग सोचते हैं कि बैटरी को पूरी तरह चार्ज करना जरूरी है। लेकिन आधुनिक Lithium-ion बैटरियाँ 100% चार्ज होने की ज़रूरत नहीं रखतीं। असल में 20% से 80% के बीच चार्जिंग रखना सबसे अच्छा माना जाता है। लगातार 100% तक चार्ज करने से बैटरी पर प्रेशर बढ़ता है और उसकी क्षमता धीरे-धीरे घटती है।
2. बैटरी को 0% तक डिस्चार्ज न होने दें
पुरानी बैटरियों में यह माना जाता था कि पूरी तरह डिस्चार्ज करना अच्छा है। लेकिन आज की बैटरियों के लिए यह आदत नुकसानदेह है। बार-बार बैटरी को पूरी तरह खत्म करने से उसके चार्ज साइकिल जल्दी कम हो जाते हैं। कोशिश करें कि फोन 20% से नीचे न जाए।
3. चार्जिंग के समय फोन का इस्तेमाल कम करें
कई लोग चार्जिंग के दौरान गेम खेलते हैं या वीडियो देखते हैं। यह आदत न सिर्फ बैटरी को नुकसान पहुँचाती है बल्कि फोन को गर्म भी कर देती है। बैटरी की सबसे बड़ी दुश्मन है गर्मी (heat)। इसलिए चार्जिंग करते समय फोन को आराम करने दें।
4. ओरिजिनल चार्जर और केबल का इस्तेमाल करें
लोकल या नकली चार्जर बैटरी को नुकसान पहुंचाते हैं। ये सही वोल्टेज और करंट नहीं देते, जिससे बैटरी जल्दी खराब हो सकती है। हमेशा अपने फोन के ब्रांड का या certified fast charger ही इस्तेमाल करें।
5. रातभर चार्जिंग से बचें
बहुत से लोग आदतन फोन को रातभर चार्जिंग पर लगा छोड़ देते हैं। आधुनिक फोन ओवरचार्जिंग रोकने के लिए स्मार्ट सिस्टम जरूर रखते हैं, लेकिन लंबे समय तक 100% पर बैटरी को गर्म बनाए रखना उसकी क्षमता को कम कर देता है।
मेरे एक रिश्तेदार का फोन सिर्फ 1 साल में बैटरी बैकअप कम देने लगा था। जब कारण पूछा गया तो पता चला कि वे हर बार फोन को 0% तक इस्तेमाल करते और फिर रातभर चार्जिंग पर छोड़ देते थे। इसके बाद उन्होंने 20%–80% चार्जिंग नियम अपनाया और नतीजा यह हुआ कि नई बैटरी सालों तक अच्छी तरह काम करती रही।
Final Tips जो हमेशा याद रखें
- चार्जिंग पैटर्न सही रखें – फोन को बार-बार 100% चार्ज न करें और बैटरी को 20% से कम होने न दें।
- ओरिजिनल चार्जर का इस्तेमाल करें – डुप्लीकेट चार्जर बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है।
- सॉफ़्टवेयर अपडेट करें – नए अपडेट्स में अक्सर बैटरी परफॉर्मेंस से जुड़ी सुधार होते हैं।
- अनचाहे फीचर्स बंद करें – जैसे Bluetooth, Wi-Fi, Hotspot आदि जब जरूरत न हो।
- फोन को ठंडा रखें – ज्यादा गर्मी (Overheating) भी बैटरी की लाइफ कम करती है।
FAQs
1.फोन की बैटरी जल्दी खत्म क्यों होती है?
बैटरी जल्दी खत्म होने की मुख्य वजह है – ज्यादा स्क्रीन ब्राइटनेस, बैकग्राउंड में चलने वाली ऐप्स, लगातार GPS/लोकेशन ऑन रखना, मोबाइल डेटा और गेमिंग का ज्यादा इस्तेमाल।
2. क्या बैटरी सेवर मोड का इस्तेमाल करना सही है?
हाँ, बैटरी सेवर मोड फोन की बैटरी बचाने के लिए बहुत उपयोगी है। यह बैकग्राउंड ऐप्स और नोटिफिकेशन को कंट्रोल करता है जिससे बैटरी धीरे-धीरे खर्च होती है।
3.क्या रातभर फोन चार्ज पर लगाना बैटरी को नुकसान पहुंचाता है?
हाँ, अगर बार-बार फोन को पूरी रात चार्ज पर लगाया जाए तो बैटरी की हेल्थ पर असर पड़ता है। कोशिश करें कि फोन 80-90% चार्ज होते ही चार्जर से निकाल दें।
4.फोन की बैटरी लाइफ बढ़ाने के लिए कौन-से ऐप्स बंद करने चाहिए?
ऐसे ऐप्स जो लगातार बैकग्राउंड में चलते हैं – जैसे लोकेशन ट्रैकिंग, सोशल मीडिया ऐप्स, हाई ग्राफिक्स गेम्स और ऑटो-सिंक करने वाले ऐप्स – इन्हें कंट्रोल करना चाहिए।
5.क्या सॉफ़्टवेयर अपडेट करने से बैटरी बैकअप बढ़ सकता है?
हाँ, अक्सर नए अपडेट्स में बैटरी ऑप्टिमाइजेशन फीचर्स आते हैं। इसलिए फोन का सॉफ़्टवेयर अपडेट रखना बैटरी बचाने के लिए फायदेमंद है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज के समय में स्मार्टफोन हमारी ज़िंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस का काम हो, ऑनलाइन क्लास हो, दोस्तों से चैट करना हो या मनोरंजन के लिए वीडियो देखना हो – हर काम के लिए हम मोबाइल पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में अगर फोन की बैटरी बार-बार खत्म हो जाए, तो यह न केवल परेशानी बढ़ा देता है बल्कि हमारे काम को भी प्रभावित करता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए इस लेख में हमने फोन की बैटरी बचाने के 10 आसान और प्रैक्टिकल तरीके साझा किए हैं, जिन्हें कोई भी यूज़र आसानी से अपना सकता है।
अगर आप इन टिप्स को अपनी डेली लाइफ में अपनाते हैं, जैसे – स्क्रीन ब्राइटनेस को ऑटो मोड पर रखना, बैकग्राउंड ऐप्स को बंद करना, लोकेशन/GPS को सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही ऑन करना, नोटिफिकेशन को कंट्रोल करना और बैटरी सेवर मोड का इस्तेमाल करना – तो आपकी बैटरी लाइफ में बड़ा बदलाव नज़र आएगा। यह न केवल आपके फोन को लंबे समय तक चलने में मदद करेगा बल्कि बार-बार चार्ज करने की आदत से भी बचाएगा।
सबसे ज़रूरी बात यह है कि बैटरी बचाना सिर्फ एक “हैक” नहीं बल्कि एक स्मार्ट हैबिट (Smart Habit) है। छोटी-छोटी सावधानियाँ जैसे सही चार्जिंग पैटर्न, सॉफ्टवेयर अपडेट करना और बैकग्राउंड में चल रहे ऐप्स पर नज़र रखना, आपके फोन की बैटरी हेल्थ को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं। अगर आप इन 10 Easy Ways to Save Phone Battery को नियमित रूप से अपनाते हैं, तो आपका स्मार्टफोन न केवल पूरे दिन बेहतरीन तरीके से काम करेगा बल्कि हर परिस्थिति में आपका भरोसेमंद साथी भी बना रहेगा।
धन्यवाद